Monday 29 June, 2009

कृष्ण से नाता



कृष्णा से कैसा नाता बना हमारा
जग यह समझ न पाए बेचारा
मैं तुम बिन प्यासी ओह श्याम
प्यास बुझाना तेरा काम
तुझ बिन न कोई जाने मोहे
न समझ में आये किसी को मेरी बात
अटपटी वाणी मेरी अटपटी हैं बात
कृष्णा से ही करना चाहू बात
कृष्णा की बंसी गाये राधा नाम
में पुकारू तुझको मेरे श्याम
करू विनती तुमसे युगल सरकार
तेरे चरणों में रहे सदा मेरा ध्यान
कृष्णा की यादों में रहू खोयी
हर समय गाऊ तेरा नाम
राधा कृष्णा राधा कृष्णा मेरी सरकार

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