Monday 22 June, 2009

सुन रे मना



सुन रे ओह मेरे मना
तू जा न कान्हा के पास
जाके उनको यह दे दे संदेशा
के करता हैं सब जग याद तुम्हे
आजा बाँके बिहारी , नन्दलाल मेरे
आजा सांवरिया घनशयाम मेरे
तू जा छिपा कहा मेरे श्याम वे
आन बसों मेरे उर भीतर मेरे नन्दलाल
अब लगता नही दिल तुम बिन
न आता हैं करार,
दिल करे कैसे भी पहुँच जाऊँ
मै अपने श्याम के पास
मोहे बुला ले या खुद आ जा मेरी सरकार
तुम बिन रहा नही जाता
यह लम्बा सफ़र सहा नही जाता
मुझको दीवाना बनाया
तो खुद राह भी दिखा
मोहन मेरे मतवारे दरसन तो करा
मेरे मदन मोहन मधुसुदन आ

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