Saturday 2 May, 2009
मेरे बाँके बिहारी
मेरे बाँके बिहारी
साथ में सज रही हैं तेरे राधा प्यारी
तेरी शोभा हैं अति ही प्यारी
तेरी शोभा की कैसे करू बखानी
तेरी यह छवि मेरे मन को मोहे
छीन रही हैं चैन ओ करार मेरा
दिल लूट लिया इस छवि ने मेरा
जब चरण कमल तू अपने दिखावे
दीवाने तेरे उमड़ उमड़ तेरे चरणों में आंवे
तेरे चरणों ने दीवानी दुनिया बनाई
ब्रह्माण्ड सारा तेरे चरणों की जैकार मनावे
हर प्रकार से मेरे श्यामसुंदर को रीझावे
ओह मेरे बाँके बिहारी
मोहे भी कोई बात सिखा
जैसे भी तो रीझ जाये
वैसी ही हर बात मुझसे करवा
जैसा तुझको भाए
वैसा ही तू मुझको बना
मुझे श्यामसुंदर अपने चरणकमल सो लगा
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