Thursday 14 May, 2009

कृष्ण प्राण हमारे

कृष्णा हमारे प्राण
तुम्ही हो जीवन आधार
तुम बिन न कछु भाए
तुम बिन न चैन आये
बोलो न कैसे मनाऊ तुझे
कैसे रिझाओं तुझे
किस विध मिलेगा तू श्याम
किस विध देगा दरस इस पागल को
इस पागल को अपना लो श्याम
इस पगली को अपनी प्रेम दीवानी बना लो श्याम
ओह मोर मुकुट वाले ओह बंसी धर
आ जा ना नीलमणि श्यामवर्ण प्रेम रस बरसा जा ना
तू श्याम आ जा ना
अपनी प्यारे से होंठो से एक मुस्कराहट दिखा जा ना
अपने कजरारे नैनो से हमे पागल बना जा ना
श्याम तू आ जा ना

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