कृष्णा हमारे प्राण
तुम्ही हो जीवन आधार
तुम बिन न कछु भाए
तुम बिन न चैन आये
बोलो न कैसे मनाऊ तुझे
कैसे रिझाओं तुझे
किस विध मिलेगा तू श्याम
किस विध देगा दरस इस पागल को
इस पागल को अपना लो श्याम
इस पगली को अपनी प्रेम दीवानी बना लो श्याम
ओह मोर मुकुट वाले ओह बंसी धर
आ जा ना नीलमणि श्यामवर्ण प्रेम रस बरसा जा ना
तू श्याम आ जा ना
अपनी प्यारे से होंठो से एक मुस्कराहट दिखा जा ना
अपने कजरारे नैनो से हमे पागल बना जा ना
श्याम तू आ जा ना
Thursday 14 May, 2009
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