Sunday 10 May, 2009
साँवरिया
साँवरिया चितचोर हमारे
कब आओगे प्राण प्रीतम हमारे
ब्रिज के राज दुलारे
नन्द नन्दन कन्हैया
यशोदा मात के प्यारे
माखन चुराने आ जाओ
दही की मटकी फोड़ने आ जाओ
किसी बहाने श्याम आ जाओ
माना के श्याम तेरा इंतज़ार बड़ा प्यारा हैं
बड़ा दुर्लभ तेरा इंतज़ार और तेरी जुदाई होगी
मगर जिसे भी मिली यह
उसने तेरे मिलने की आस तो लगाई होगी
अगर करती हूँ आस के तू आएगा
तू मोहे सुंदर साँवली सुरतिया अपनी दिखायेगा
तो श्याम सुंदर हमारे
प्राण प्रीतम प्यारे नीलमणि मोर मुकुट धारी
आ जाओ
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment