Wednesday 27 May, 2009

इंतज़ार


कान्हा मेरे करूं हर पल तेरा इंतज़ार
तेरे इंतज़ार में कटती हैं हर सुबह शाम
रात भी करवटो में निकल जाती हैं
मगर तेरा इंतज़ार वैसा ही रहता हैं
तू न आता हैं,तो मन बहुत घबराता हैं
ऐ श्याम अब जो तेरे आने का संकेत हुआ हैं
गुजरता नहीं इक पल भी मेरा
हर पल तेरी यादों में भरा रहता हैं
उस पल में मन खोना चाहता हैं
जिस पल मेरे सारे पल होंगे
जिस पल तू आएगा
मुझ पे इतनी कृपा करना
मुझे मोर मुकुट दरस करना
मेरे कानो में बंसी की धुन सुनाना
मुझे मस्त बनाना,मेरी सुध बुध गवाना
मगर अपना प्रेम मुझे देना
मुझे निज चरणों से लगाना
मेरे नैनो से अश्रु धार बहाना
श्याम मेरे आना तो मोहे भी कृपा कर दरस दिखाना
श्याम आना श्याम आना

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