Monday 4 May, 2009
मेरे श्यामसुंदर मेरे पिया
मेरे श्यामसुंदर मेरे पिया
आओगे कब तुम
दर्शन को तरसे जिया
नैना हो रहे हैं बाँवरे
तुम बिन ओह पिया
तुझसे बातें करने को
हाय तरसे जिया
तेरी मुरली की धुन
सुन मचलने को तडपे जिया
हाय रे श्यामसुंदर
तेरी यादों में डूबने को तडपे जिया
तुम बिन न आये करार
कैसे संभालूं खुद को
तू ही बता जरा मेरे श्याम
कब तू आएगा
कब मुझ अधम को दरस अपने दिखायेगा
कब मुरली की प्यारी सी धुन सुनाएगा
कब प्राण प्रियेतम
पायलों की रुनुक झुनक सुनाएगा
कब इस पगली को निज चरणन से लगायेगा
कोई तो बहाना बना
किसी न किसी विध श्यामसुंदर
मोहे तू अपने सुंदर सलोने दरस दिखा
मोहे अपने चरणों से धूल बना कर लिपटा
श्यामसुंदर आ जा
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