Thursday 21 May, 2009

श्याम कोई बात बना


श्याम कोई ऐसी बात बना दे
हर शय में अक्स तू मोहे अपना दिखा दे
हर चीज मैं तू समाया हैं
जीव निर्जीव हर किसी में तूने अपना घर बनाया हैं
इस अधम को भी तूने अपनाया हैं
अब जरा अपने दर्शन भी करवा दे
चाहे किसी भी रूप मैं आना मोहन
बस सिर मोरमुकुट कर मुरली
उर माल पहनते आना
अपने प्यारे अधरन पे धर बांसुरी
कोई तान मीठी सुनाते आना
कट पीट पीताम्बर कमरबन्ध लाल पहनते आना
पाँव मैं नुपुर,हाथ में कंगन छनकते आना
श्यामवर्ण श्याम भाल पे तिलक विशाल लगाते आना
जुल्फे प्यारी हवा में लहराते आना
अधरं मुस्कान सजाते आना
श्याम मेरे राधा जू को संग लेते आना
फिर करूंगी में श्यामा जू से विनती
के मोहे श्यामा अपने दल में मिला लो
मोहे बिहारी जी की बना दो

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