Friday 15 May, 2009

श्याम मेरे

ऐ श्याम तुम बिन जाने न कोई मेरे भाव
तुम बिन आता भी नहीं मोहे करार
हर पल दिल तुझी को चाहता हैं
हर पल आस तुम्हारी होती हैं
तुम्ही जानते हो हमे
तुम्ही से हैं सब काम
तुम्ही से हैं प्यार
तू ही दोस्त हमारा हैं
तेरे बिन न तो मेरी कोई कश्ती
और न ही कोई किनारा हैं
तेरे आने की सुन जरा सी भी खबर
दिल धड़क सा गया हैं
चाहे तू हैं अब भी मेरे साथ
मगर नीलमणि मुरलीधर
मुझे मोर मुकुट धारी अपने दरस करवा दे
मोहे अपने चरनन की दासी बना दे
श्याम मेरे आ जा
इक झलक मोहे तू अपनी दिखा जा
मेरी किश्ती अपनी प्रेम समुंदर
में बीच भवंर डूबा जा
मुझे कृष्णा प्रेम समुंदर
में कहीं डूबा जा
श्याम मोरे आ जा
कृष्णा अपने नाम की रटन लगा जा

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