Tuesday 7 July, 2009

हम तो तेरी यादों में ही जीते हैं



"मैं करती हूँ विनय कर जोड़,
रहे मेरा ध्यान सदा तेरे चरणों की और
पनपे ना मन में कोई और ख्याल
रहे सदा मेरे मन में मेरा श्याम "
हमको तो तेरी ही यादों का सहारा
इनको ना हमसे कभी तुम चुराना
तेरी यादों में ही तो जीते हैं
तेरा नाम ले लेकर नाम रस पीते हैं
हम तो तेरी यादों में ही जीते हैं
तेरी यादों में हमने नींद भी गवाई हैं
रातों को भी हमे इक तेरी ही याद सताती हैं
हाय!मोहन क्या बताऊ तुम्हे कितना मोहे रुलाती हैं
रातों को उठ उठ कर भी
तेरी तस्वीर निहारा करती हूँ
मैं तो बस!हर समय हर पल
मेरे सनम तोहे पुकारा करती हूँ
तेरी यादों में ही जीते हैं
तेरा नाम रस पीते हैं
तेरी ने यादों ने मन मोहन
चैन करार भी छीना हैं
क्या कहे अब तुम्हे मोहन
मुश्किल किया इसने जीना हैं
अब तुम मेरी और निहारो
मुझ दासी को तुम
अपने चरनन से लगा लो
मेरे मोहन तुम अपना मोहे बना लो

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