Tuesday 21 July, 2009
बांकेबिहारी!न सताओ हमे यूँ मुरारी
बाँकेबिहारी!न सताओ हमे यूँ मुरारी
दर्शन की प्यासी यह अखियाँ हमारी
आ जाओ बाहर पर्दों से ओह मुरारी
करवा दो इन नैनो तो दीदार अपना
खो जाए यह तुम में इस कदर
रहे न इनमे कुछ भी और अपना
बाँकेबिहारी!न सताओ हमे यूँ मुरारी
बुला लीजे वृन्दावन माहि
बसा लीजे वृन्दावन माहि
देना चरणन में स्थान अपने
दासी बना मोहे रख लो चरणों में अपने
बाँकेबिहारी!न सताओ हमे यूँ मुरारी
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