Thursday 9 July, 2009

करूं विनय आ तेरे द्वार



आता ना कुछ भी मोहे हैं श्याम
बस करूँ विनय आ तेरे द्वार
दे दो दर्शन ओह मेरे कृष्णा मुरार
कर जोड़ करू विनय आ तेरे द्वार
तुझ से ही मैं सब लाड लडाउन
तेरी ही प्रीत के गीत गाऊ
तुझ से ही करू प्यार
और तुझी से करती हूँ तकरार
कोई हो जाए भूल तो मुझे करना माफ़
मैं तो करू विनय आ तेरे द्वार
मोहे दरस अपने दिखाना
मेरे हिये से श्यामसुंदर कभी ना जाना

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