Friday 31 July, 2009
अब तो आ जा
कृष्णा!मेरे बाँके बिहारी!हे गिरधारी!
तू अब तो आ जा
दरस की प्यासी अखियों पुकारें
तू आकर थोडा दरस रस पिला जा
अब तो अपने सारे ताने मारे
अपने सब लगे बेगाने
तू मेरे मन में समा जा
श्याम मेरी सरकार आ जा
नैना कब से राह निहारें
हर क्षण हर लम्हा तोहे पुकारें
मेरे हमदम मेरे सनम अब तो आ जा
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