Wednesday 1 July, 2009
बादलों की ओंट से
बादलों में छिपा चाँद नजर आया
चाँद के पीछे मेरे श्याम
चांदनी देता मैंने पाया
बादलों में ही साया
मेरे श्याम का उभर आया
बादलों के साए में
उसका मोर पंखा लहराया
भोली गांएओं को श्याम ने
हाय! अपने पास बैठाया
मुरली को अपने कमर से लगाया
बादलों की ओंट से
मुझे मेरे श्याम का आभास हो आया
मंद मंद पवन ने
आकर मेरे श्याम का एहसास करवाया
मैंने पवन को अपना
संदेशा दे सुनाया
और श्याम के पास जाकर
उसे पहुँचाने को हैं बताया
बादलों की ओंट से
मुझे मेरे श्याम का आभास हो आया
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