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Monday 27 July, 2009
हुए दीवाने तेरे श्याम
लुट गए हम तेरी अदाओं पे
हुए दीवाने तेरे श्याम
तेरे बिन अब भाए न मोहे कोई बात
मोहे तो करनी तो संग यारी
मोहे तो संग ही हैं प्रीत निभानी
प्रीत की रीत सिखा जा रे
मोहे प्रेमी जोगन बना जा रे
लुट गए हम तेरी अदाओं पे
हुए दीवाने तेरे श्याम
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कृष्ण!
अब तो आ जा
तेरे दीवाने तुझको ढूँढे
मैं दीवानी भई तेरी श्याम
हुए दीवाने तेरे श्याम
तुम बिन श्याम!
बुलाओ वृन्दावन में
अलफाज नही
आता नही समझ में कुछ भी
कसूरवार हु कान्हा
तेरा नजारा छा रहा हैं !
बांकेबिहारी!न सताओ हमे यूँ मुरारी
बरसे बदरा सावन के
कृष्ण एक दिन तो आओगे
मोहन मतवारे
मोहन के नैना
कैसे कहू मैं तुमसे मोहन!
मोहन!
कैसे तुम्हे रिझाऊ श्याम?
बजा दे मुरली मोहन फ़िर एक बार
द्वारका विच रहें वालया
हद हो चुकी हैं श्याम
कहा जा छिपे हो मोहन
करूं विनय आ तेरे द्वार
जब तूने बंसी बजाई
हम तो तेरी यादों में ही जीते हैं
सुन री बंसी
इक बार चले आओ
jai shree radhay
क्या अपराध हमारा?
मोहन मोहिनी मूरत
बैरन बंसी
मोहन मिलन की मंशा
बादलों की ओंट से
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